बीवी नहीं थी तो बेटे को रांड बनाया-1

2025-08-03 · Your Solutions Team

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम पुष्पक है। मैं अपनी सेक्स कहानी आप सब के सामने पेश करने जा रहा हूं। मेरी उमर 49 साल है, और मैं एक शादी-शुदा और बच्चों वाला आदमी हूं। मेरी एक 24 साल की बेटी है, जिसकी शादी 6 महीने पहले हो चुकी है, और 19 साल का बेटा है, जो कॉलेज में फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट है।

मेरी बीवी का नाम शिवांगी है, जो 44 साल की है। मैं अपनी बीवी से बहुत प्यार करता हूं, और आज भी उसको रोज़ चोदता हूं। उसको भी मेरा उसकी चुदाई करना पसंद है, और वो मेरा पूरा साथ देती है। मेरी चुदाई की प्यास ही इतनी है कि अगर मुझे एक रात भी बिना चुदाई के सोना पड़े, तो मुझे नींद नहीं आती है। इसी चुदाई की प्यास की वजह से मैंने अपने गांडू बेटे को अपने रंडी बन लिया। चलिए बताता हूं सब कैसे हुआ।

पिछले दिनों मेरी बीवी की माता जी, यानि कि मेरी सास की तबियत खराब हो गई थी। वो

हॉस्पिटल में थी, और शिवांगी से मिलना चाहती थी। मेरी बीवी की फैमिली दूसरे शहर में रहती है, जो हमारे घर से 300 कोलीमीटर की दूरी पर है। इसलिए उसने मुझसे एक हफ्ते के लिए अपने घर जाने की परमिशन मांगी। मैंने भी उसको मना नहीं किया।

फिर उसने अपना सामान सब रेडी कर लिया, और मैं उसको ट्रेन में बिठा आया। उसके बाद मैं भी अपने काम में लग गया। काम में मुझे ध्यान ही नहीं रहा कि शिवांगी घर में नहीं थी। जब मैं घर में आया,‌ और उसको आवाज लगाई, तो बेटा बाहर आया। बेटे ने मुझे याद दिलाया कि उसकी मां घर पर नहीं थी।

फिर मैंने जोमैटो से ऑर्डर करके खाना मंगवाया, और मैंने और मेरे बेटे संजीव ने खाया। उसके बाद मैंने बर्तन धोए, और थोड़ी बातों के बाद मैं और संजीव अपने-अपने कमरों में सोने चले गए। मैं सोने के लिए बिस्तर पर लेट तो गया, लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी, और

चुदाई की तलब हो रही थी। फिर मैंने मूठ मारी, और जैसे-तैसे खुद को ठंडा करके सो गया।

सुबह मैं उठा और बाथरूम की तरफ गया। जैसे ही मैंने बाथरूम का दरवाजा अंदर जाने के लिए खोला,‌ तो अंदर का सीन देख कर मेरी आँखें बड़ी हो गई। अंदर मेरा बेटा संजीव शावर के नीचे खड़ा हो कर नहा रहा था। उसका नंगा जिस्म बिल्कुल किसी लड़की जैसा लग रहा था। जब वो झुका, तो उसकी गांड देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया। दिल तो कर रहा था, कि पीछे से जा कर अपना लंड उसकी गांड में घुसेड़ दूं, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता था। फिर मैंने दरवाजा बंद किया, और वापस अपने कमरे में जाके उसके वापस आने का इंतेज़ार करने लगा।

मुझे अपना बेटा ज्यादा पसंद नहीं था, क्योंकि उसमें मर्दों वाली कोई बात नहीं थी। वो हमेशा मां के पल्लू से बंधा रहता था। उसका बिहेवियर भी लड़कियों जैसा था, जिससे मुझे हमेशा लगता था

कि वो गांडू था। लेकिन आज जब मेरा लंड चुदाई के लिए तरस रहा था, तो मुझे अपना बेटा बहुत अच्छा लगने लगा।

फिर मैंने सोचा क्यों ना बेटे की गांड मार कर मैं अपना प्यास बुझा लूं? लेकिन तभी मेरे दिमाग में आया, कि क्या होगा अगर वो गांडू ना हुआ तो? फिर मैंने एक प्लान सोचा। मैंने सोचा कि अपने बेटे को अपने साथ सुलाता हूं। रात में ट्राय करके देखूंगा। अगर वो गांडू हुआ, तो पक्का उसको चोदूंगा। लेकिन अगर नहीं हुआ, तो नहीं चोदूंगा। ये सोच कर मैं रात का इंतेज़ार करने लगा।

फिर रात हो गई। डिनर के बाद मैंने संजीव से कहा-

मैं: बेटा चलो मूवी देखते है।

संजीव: ठीक है पापा।

टीवी मेरे कमरे में है, तो मूवी देखने के लिए हम दोनों मेरे कमरे में मेरे बिस्तर पर बैठ गए। 2 घंटा मूवी देखने के बाद संजीव को नींद आने लगी।

वो मुझे बोला: पापा मुझे नींद आ रही है। मैं अपने कमरे

में जा रहा हूं।

मैं बोला: बेटा अब कहां अपने रूम में जाएगा, यहीं सो जा। मैं भी बंद करके सोने लगा हूं।

संजीव ने मेरी बात मान ली, और हम दोनों एक ही बिस्तर पर सो गए। संजीव ने पजामा और टी-शर्ट पहनी थी, और मैंने कुर्ता-पजामा। जब वो लेटा, तो उसने मुंह दूसरी तरफ घुमा लिया। इससे उसकी गांड मेरे सामने आ गई, जिसको देख कर मेरा खड़ा हो गया। लेकिन इतनी जल्दी मैं कुछ नहीं करने वाला था, क्योंकि अभी तो वो सोया था, इसलिए कुछ होने से पहले उठ सकता था।

फिर एक घंटे बाद मैंने उसकी गांड पर हाथ रखा, और धीरे-धीरे सहलाने लगा। उसने कोई हरकत नहीं की। फिर मैं उसके पीछे चिपक गया, जिससे मेरा लंड उसकी गांड पर लगने लगा। आह! उसकी गांड बहुत सॉफ्ट थी। अब मैं पीछे से लंड उसकी गांड में दबाने लगा कपड़ों के ऊपर से। मैं इतना उत्तेजित हो गया, कि एक जोर से धक्का मार दिया।

मेरा

धक्का लगने से संजीव जाग गया। मैंने अपनी आँखें बंद कर ली, और सोने का दिखावा करने लगा। संजीव ने पहले मुझे देखा, और फिर नीचे देखा। नीचे मेरा खड़ा हुआ लंड पजामे में टेंट बनाया हुआ था। फिर उसने मुझे धीमी आवाज में कहा-

संजीव: पापा! पापा! पापा आपने मुझे धक्का दिया है क्या?

मैंने ना तो आँखें खोली, और ना ही उसके सवाल का कोई रिस्पॉन्स दिया। फिर संजीव दोबारा दूसरी तरफ मुंह करके सो गया। पहले तो मुझे लगा कि मेरा प्लान फ्लॉप हो गया, क्योंकि संजीव को मेरा खड़ा लंड देख कर कोई इंटरेस्ट नहीं आया। लेकिन 10 मिनट बाद संजीव फिर से पीछे मुड़ा, और मेरे लंड को देखने लगा। मैं बंद आंखों को थोड़ा खोल कर उसको देख रहा था, लेकिन उसको ये पता नहीं चलना था।

थोड़ी देर वो वैसे ही मुंह पीछे मोड़ कर मेरे लंड को देखता रहा। फिर जब मेरी तरफ से कोई हरकत नहीं हुई, तो वो मेरी तरफ

मुड़ गया, और आँखें बंद कर ली। शायद वो भी सावधानी बरत रहा था, कि कहीं कुछ करते पकड़ा ना जाए, इसीलिए आँखें बंद कर ली थी उसने। फिर उसने दोबारा आँखें खोली, और मेरे लंड की तरफ हाथ बढ़ाया।

More 18+ Articles

Continue exploring 18+ content

18+10 min read

Aunty ki chudai

Ye ek sacchi sex story hai. Chaliye shuru karte hai. Ek lady office mein kaam karti thi Jammu mein, aur main bhi udhar hi kaam karta tha...

Y

Your Solutions Team

Aug 03, 2025

Read more →
18+10 min read

Bareilly ki bhabhi ki phuhar-2

Sex story ke pichle part mein aapne padha kaise Devar-Bhabhi Sunil aur Anjali kitchen mein apna control kho baithe. Ab aage-

Y

Your Solutions Team

Aug 03, 2025

Read more →

🔥 Get Hot Adult Stories in Your Inbox

Subscribe to receive the latest steamy adult stories, erotic fiction, and mature content directly to your email