Aunty ki chudai
Ye ek sacchi sex story hai. Chaliye shuru karte hai. Ek lady office mein kaam karti thi Jammu mein, aur main bhi udhar hi kaam karta tha...
Your Solutions Team
Aug 03, 2025
ऐनल ऐस्स Xxx कहानी में मैं लड़कियों जैसा हूँ. मेरे निप्पल और गांड का छेद बिल्कुल पिंक है. एक बार सिनेमा हाल के बाथरूम में मैंने एक अंकल को मुठ मारते देखा.
नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम आदित्य है और मैं मध्य प्रदेश का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 19 साल है.
आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अपनी बॉडी के बारे में थोड़ा बता देता हूँ. मेरी बॉडी बिल्कुल स्लिम है, मैं बहुत गोरा हूँ और पूरे शरीर में सिर के अलावा कहीं पर भी बाल नहीं हैं.
मेरे निप्पल और गांड का छेद बिल्कुल पिंक है. मेरी हाइट 5 फीट 10 इंच है और मेरा चेहरा लड़कियों जैसा है. मेरी गांड भी बिल्कुल किसी लड़की जैसी है.
ये ऐनल ऐस्स Xxx कहानी तब की है जब मैं जवान हुआ ही का था. मैं एक गे था लेकिन मुझे लड़कियों में भी इंटरेस्ट था.
मुझे क्रॉस ड्रेसिंग करना बहुत पसंद था. जब मैं अकेला होता था तो बाथरूम में
जाकर अपनी बहन की ब्रा-पैंटी पहनता और अपनी गांड में पेन डालता.
मुझे गांड चुदवाने का बहुत मन था. लेकिन डर भी लगता था कि अगर किसी को पता चल गया तो बहुत बेइज्जती होगी. इसीलिए मैं ये बात अपने तक ही रखता था.
एक दिन मेरी फेवरेट मूवी रिलीज होने वाली थी और मुझे वह मल्टीप्लेक्स में देखनी ही थी. मैंने अपने पैरेंट्स को मनाया, तो वे मान गए.
फिर मैंने कुछ दोस्तों को भी कॉल किया ताकि वे भी चलें और मैं बोर न होऊं. लेकिन सबने मना कर दिया.
फिर भी वह मेरी फेवरेट फिल्म थी तो मैंने सोच लिया कि मैं अकेले ही जाकर देखूँगा.
अगली सुबह मैं 8 बजे निकल गया. मूवी देखने के लिए मुझे मॉल जाना था जो मेन सिटी में था.
वहां पहुंचने में मुझे 2 घंटे लगे. मैंने जल्दी से टिकट लिया और मूवी एंजॉय करने लगा.
दोपहर एक बजे मूवी खत्म हुई तो मैं सोचने लगा कि अब क्या किया जाए. मैंने
पेरेंट्स को बोल रखा था कि मैं रात 9 बजे तक आऊंगा.
फिर मैं मॉल में थोड़ा घूमने लगा. तभी मुझे जोर से पेशाब आई.
मैं जल्दी से चौथी मंजिल के बाथरूम में गया, जो फूड सेक्शन में था. वहां ज्यादा भीड़ नहीं रहती थी.
मैं वहां पहुंचा और अन्दर गया तो देखा कि एक आदमी पहले से वहां बैठा था.
उसकी उम्र करीब 50 साल रही होगी. वह बहुत हट्टा-कट्टा और बिल्कुल काला था. वह अपने फोन में पोर्न देखकर अपना लंड हिला रहा था.
शायद वह दरवाजा बंद करना भूल गया था. मैंने जैसे ही दरवाजा खोला तो वह मुझे घूरकर देखने लगा था.
मैं उसे देखकर वहां से जाने लगा और ‘सॉरी अंकल’ बोलने लगा.
तभी उसने मेरा हाथ जोर से पकड़ लिया. मैंने मुड़कर देखा तो उसने मुझे आंख मारी और खींचकर अपनी गोद में बिठा लिया.
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था. मैंने उठने की कोशिश की लेकिन उसने मुझे कमर से इतनी जोर से
पकड़ लिया कि मैं उठ नहीं पाया.
मैंने उससे कहा- ये आप क्या कर रहे हो? उसने कहा- तुम बहुत सेक्सी हो. प्लीज, मेरा एक बार मुँह में ले लो, फिर तुम चले जाना!
मैंने मना किया और कहा- तुम ये क्या बोल रहे हो? उसका लंड अब फिर से धीरे-धीरे खड़ा होने लगा और मुझे अपनी गांड में फील होने लगा.
मैंने सोचा कि इसी से शुरू कर लेता हूँ, वैसे भी मुझे मुँह में लेने का बड़ा मन था और अपनी पसंद को आज पूरी करने का सही अवसर भी था.
थोड़ा सोचकर मैंने कहा- ठीक है. लेकिन मैं सिर्फ चूसूँगा और शर्त ये है कि तुम्हें मुझे 300 रुपये देने होंगे.
उसने तुरंत हां कर दी. मैंने कहा- तुम इसकी वीडियो नहीं बनाओगे!
उसने अपना फोन तुरंत स्विच ऑफ करके रख दिया. अब हम दोनों के चेहरों पर मुस्कान थी.
वह टॉयलेट सीट पर बैठा था. मैं लंड चूसने के लिए नीचे बैठने लगा तो उसने मेरा कंधा पकड़ा और
मुझे फिर से अपनी गोद में बिठाकर एक छोटा-सा किस किया.
मैं उसकी आंखों में देखने लगा.
थोड़ी देर बाद उसने फिर से एक छोटा-सा किस किया. अब मैं भी गर्म हो चुका था.
मैंने उसे जोर से गले लगाया और उसके होंठों को जंगली जानवर की तरह चूसने और काटने लगा.
मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाली, तो वह अपनी जीभ से मेरी जीभ को घुमा-घुमाकर फेर रहा था.
मुझे बहुत अच्छा फील हो रहा था क्योंकि मेरा ये पहला अनुभव था. मेरी धड़कनें तेज हो रही थीं.
उसने मुझे 5 मिनट तक जमकर किस किया. फिर मैं उठा और घुटनों के बल नीचे बैठ गया.
वह जल्दी से खड़ा हुआ, अपनी पैंट नीचे की और फिर से बैठ गया.
जब मैंने उसका लंड देखा तो मेरी आंखें फट गईं. उसका लंड 8 इंच लंबा, 4 इंच मोटा और बिल्कुल काला था. उसमें हल्की-हल्की झांटें भी थीं.
उस लंड से बहुत अजीब और आकर्षक स्मेल आ रही थी. मुझे वह
स्मेल इतनी अच्छी लगी कि मैंने उसका लंड हाथ में पकड़ा और कुत्ते की तरह सूँघने लगा.
फिर मैंने उसके लंड को अपने हाथ में लेकर आगे-पीछे करने लगा. उसने आंखें बंद कर लीं और मुस्कुराते हुए बैठा रहा.
मैंने उसके टोपे को एक बड़ा-सा चुम्मा दिया, फिर उसे मुँह में लिया.
वह बहुत गर्म लग रहा था. मैं थूक लगाकर चूसने लगा और उसके काले लंड को अपने मुँह में अन्दर-बाहर करने लगा.
कुछ मिनट तक मैं अपने हिसाब से उसका लंड चूसता रहा.
मैं सिर्फ 4 इंच तक ही अन्दर ले पा रहा था. फिर उसने अपना लंड मेरे मुँह से निकाला और मुझे टॉयलेट सीट पर बिठाया.
वह खड़ा हो गया और मुझे लंड चाटने को कहा. मैंने उसका लंड बाहर से पूरा चाटा, वह पूरी तरह गीला हो गया.
फिर मैंने उसके आंडों को सहलाया और एक को मुँह में भर कर चूसने लगा.
उसके एक्सप्रेशन से लग रहा था कि उसे बहुत मजा आ रहा
है. मैंने 5 मिनट तक उसके आंडों को अच्छे से चूसा.
उसने कहा- अब मैं तुम्हें अच्छे से लंड चुसवाऊंगा! मैंने सिर्फ हां में सिर हिलाया.
उसने मेरे सिर को जोर से पकड़ा, मेरा मुँह खुलवाया और लंड सीधे मेरे मुँह में डाल दिया. उसका लंड 5 इंच तक अन्दर चला गया और मेरे गले तक पहुंच रहा था.
मुझे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी तो मैंने मुश्किल से नाक से सांस लेना शुरू किया.
वह लंड अन्दर-बाहर करने लगा. उसने मेरा सिर ऊपर की तरफ उठाया और फिर से लंड अन्दर डाला.
इस बार उसका पूरा लंड मेरे गले में था. मैं हैरान था कि ये कैसे हो गया.
मुझे लगा कि शायद अंकल को चुसवाने का अच्छा अनुभव है. फिर वह जोर-जोर से मेरा मुँह चोदने लगा.
मैं खुद को अंकल की रंडी मानने लगा और खुश होने लगा.
करीब 20 मिनट तक उसने मेरा मुँह चोदा. फिर उसने कहा- मेरा माल निकलने वाला है, अन्दर ही
निकालूँ?
मैं बहुत गर्म था तो जोश में मैंने अन्दर डालने का इशारा कर दिया.
वह खुश हो गया कि मैं उसका माल पीने को भी तैयार हूँ. उसने मेरा सिर जोर से पकड़ा और मेरे मुँह में अपना माल भर दिया.
उसका माल इतना ज्यादा था कि मेरा पूरा मुँह भर गया. मैं जल्दी-जल्दी निगल रहा था ताकि एक बूँद भी बर्बाद न हो.
मैंने उसका सारा माल पी लिया.
फिर मैंने उसे बैठने के लिए सीट दी और खुद जमीन पर बैठने लगा. उसने मुझे अपनी गोद में छोटे बच्चे की तरह बिठा लिया. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
वह मुझे देख रहा था, मैं उसे देख रहा था. हम दोनों बहुत खुश थे.
अब हम दोनों 15 मिनट तक एक-दूसरे से गले लगकर बैठे रहे. फिर हम बाहर निकले.
मॉल के बाहर हम एक साथ आए.
उसने मुझे अपनी कार में बैठने को कहा. मैं बिना झिझक के बैठ गया और उसे फिर से एक बार किस किया.
उसने बताया कि उसका नाम
राकेश है और उसकी बीवी मर चुकी है. उसने कई सालों से सेक्स नहीं किया था और न ही मास्टरबेट किया था. इसीलिए उसका माल इतना ज्यादा निकला था.
मैंने उसे अपने बारे में बताया. उसने मुझे अपने घर ले जाने की बात कही और बोला- हम वहां और अच्छे से मजा करेंगे!
मैंने हां कर दी. वह मुझे अपने घर ले जाने लगा.
कार में मैं फिर से गर्म हो गया. मैंने अपनी पैंट उतार दी.
कार के शीशों में काली पन्नी चढ़ी थी तो बाहर वालों को कुछ दिखाई नहीं देता था.
मुझे किसी के देखने का डर नहीं था.
मैंने उसे कार रोकने को कहा. जब कार रुकी तो मैं उसकी गोद में उसका मुँह अपनी तरफ करके बैठ गया.
वह ये देखकर एक हाथ मेरी गांड पर रखने लगा और एक हाथ से गाड़ी चलाने लगा. मैं उसके लंड को पैंट के ऊपर से ही अपनी गांड से रगड़ने लगा. उसका लंड खड़ा होने लगा.
मुझे रहा नहीं जा रहा था. मैंने उससे
कहा- घर तक जाना फिजूल है, यहीं कार में ही मेरी गांड मार दो. अब मैं और नहीं रुक पाऊंगा! उसने कहा- ठीक है.
फिर उसने एक सुनसान जगह पर कार रोक कर साइड में लगा दी.
मैं अभी भी उसकी गोद में बैठा था. वह मुझे पकड़कर किस करने लगा.
मैं तो पहले से गर्म था. मैंने उसे फिर से गर्म किया और अपनी शर्ट उतारकर फेंक दी.
मैंने अपना एक निप्पल उसके मुँह से सटाया. वह तुरंत मेरे पिंक निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा.
मुझे बहुत गुदगुदी हो रही थी और मजा भी आ रहा था.
फिर मैं उसे अपना दूध पिलाने के बाद पीछे की सीट पर आ गया और अपने सारे कपड़े उतार कर नीचे फेंक दिए. मैं उसके सामने नंगा बैठा था.
वह मुझे भूखे शेर की तरह देख रहा था.
मैंने उसे हल्की-सी स्माइल दी.
वह मेरा इशारा समझ गया और तुरंत पीछे आ गया. वह मुझे लेटाकर किस करने लगा. मैं भी उसका पूरा साथ दे रहा
था.
मैं एक हाथ से उसके लंड को सहला रहा था. उसका शरीर भी अब गर्म होने लगा था.
उसने मुझे पेट के बल लिटाया और मेरी गांड को थोड़ा ऊपर उठाकर अपना मुँह सीधे मेरी गांड में डाल दिया. मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था. वह मेरी पिंक गांड को अपनी जीभ से तेजी से चाट रहा था.
मेरी गांड पूरी गीली हो चुकी थी. चुदने की खुजली अब मेरी गांड सहन नहीं कर पा रही थी.
वह मेरे चूतड़ों को जोर से दबा रहा था और मेरी गांड चाट रहा था. मैं उसके सिर को अपने हाथों से अपनी गांड में धकेल रहा था.
अब वह उठा और अपने सारे कपड़े उतार कर बगल में बैठ गया.
मैं नीचे बैठकर उसका लंड अपने मुँह में ले रहा था और लॉलीपॉप की तरह चूस रहा था. वह मेरे बाल पकड़कर मेरा सिर आगे-पीछे कर रहा था.
तभी पता नहीं कैसे … एक खिड़की का शीशा थोड़ा खुल गया. उसमें से एक भिखारी अन्दर झाँकने लगा. वह हम
दोनों को यह सब करते देख रहा था.
मेरी नजर उस पर पड़ी और मैं डर से उठ गया. मैंने जल्दी से खिड़की ऊपर की और हमने कपड़े पहन लिए.
फिर हम दोनों अंकल के घर जाने लगे. दस मिनट बाद हम उसके घर पहुंच गए.
मेरे चेहरे पर अभी भी उस भिखारी का डर था. अंकल ने मुझे समझाया- वह तुझे नहीं जानता, उसे भूल जा! शायद वह पागल था, तू डर मत!
मैंने हां में सिर हिलाया.
फिर हम दोनों अंकल के घर के अन्दर आ गए. उसका घर बहुत बड़ा था और किसी होटल से कम नहीं था. बहुत लग्जरी हाउस था.
उसने मुझे कोल्ड ड्रिंक ऑफर की. मैंने वह पी और वह मुझे अपना घर दिखाने लगा.
इसके बाद हम दोनों उसके बेडरूम में आ गए. उसने मुझे बेड पर बिठा दिया और धक्का देते हुए लिटा दिया.
मैं सेक्स में मस्त हो रहा था. उसने तुरंत अपने कपड़े उतारे और मेरे कपड़े भी उतारने लगा.
सब कपड़े उतार कर उसने नीचे फेंक
दिए. वह सीधे मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरे निप्पल्स चूसने लगा.
वह एक हाथ से मेरी गांड दबा रहा था. मैं पूरी तरह गर्म था.
हम दोनों चुदाई की तैयारी में जुट गए थे.
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